वो नाराज हैं हमसे की हम कुछ लिखते नहीं, कहाँ से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं, दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद, वो जख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं है 😅😅😅😅😅🤣😍😍😍😍
शायरी में सिमटते कहाँ हैं दिल के दर्द दोस्तों, बहला रहे हैं खुद को जरा फोन के साथ !! 😋😍😍😋😍😋😋😍😋😍lakki
हम भी फूलों की तरह अक्सर तनह रहते है, कभी टूट जाते है तो कभी कोई तोड़ देता है । 😚😚😚😚😚😚😚😚😚😚😚😚
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है ऐ सनम जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे जख्म का अंदाजा तू न लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है !! ☺😙😙🙂🙂☺☺☺🙂🙂
खुशियों की चाह थी वहां बे हिसाब गम निकले, बेवफा तू नहीं सनम बद नसीब तो हम निकले ! 😍😋☺😍😍☺☺☺😚😚
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